Friday, June 17, 2016

ज्यों ही आयी पत्नी त्यों, भूल गये माँ बाप


जैसे ही आयी पत्नी, भूल गये माँ बाप। 
ऐसी संतान को कहो, क्या कह सकते आप॥ 
क्या कह सकते आप, जिसे था पाला पोसा । 
वो ही दुष्ट दे दिया ,छल से कपट से धोखा ॥ 
कहे 'प्रेम' कविराय,समझ लो समझाएं यों। 
भूलें वो माँ बाप, 
घर  में  पत्नी  लाएं  ज्यों 

Saturday, June 27, 2015

स्वरचित अन्तरा फिल्म - आपकी कसम



स्वरचित अन्तरा फिल्म - आपकी कसम 

ल : पास नहीं आना भूल नहीं जाना
तुमको सौगंध है कि आज मोहब्बत बंद है
पास नहीं आना ...
कि : पहले तो आग भड़काती है
फिर दिल की प्यास तू बुझाती है
तेरी यही अदा तो मुझको पसंद है
ल : अच्छा
कि : हाँ-हाँ
ल : मगर आज मोहब्बत बंद है ...     - आनंद बक्शी 

जब भी मुझे तू दिख जाती है 
नीयत मेरी डिग जाती है 
सच पूंछो आज मेरी हौसला बुलंद है। 
मगर आज मुहब्बत बंद है 

अपने पहलू में खो जाने दे 
जो भी होता है  हो जाने दे 
कैसे कहूँ ऐसी आये तुझमें सुगंध है।  -प्रेम फ़र्रुखाबादी 
मगर आज मुहब्बत बंद है 





Saturday, May 30, 2015

स्वरचित अन्तरा



स्वरचित अन्तरा - सावन का महीना, पवन करे शोर


सावन का महीना, पवन करे शोर 

तेरी मेरी जोड़ी, जग से न्यारी है

जो भी देखे वो ही बोले, जोड़ी प्यारी है. 

मैं जानू ये, तू भी जाने,

पहली नजर में, हुए हम दीवाने
दीवानेपन की हद हमने, तोड़ डारी है.
जो भी देखे वो ही बोले, जोड़ी प्यारी है
तेरी मेरी जोड़ी, जग से न्यारी है


स्वरचित अन्तरा फिल्म - बैराग


स्वरचित अन्तरा फिल्म - बैराग     गीतकार- आनंद बक्शी 

छोटी सी उम्र में लग गया रोग कहते है
लोग की मई मर जाऊँगी 
पर मरने से पहले कुछ करने से पहले 

ले के तेरा नाम तुझे बदनाम
मैं कर जाऊँगी  हो मैं मर जाऊँगी

( येहे किसी सहरी छोरी की प्रीत नहीं है बाबू ) -२

एक बन्जारन केह मतवारे नैनों का है जादू 
तू न जा मेरी मुसकान पे 
खेल जाऊँगी मैं जी-जान पे 
छोड़ूँगी ना साथ -२ ऐसी क्या है बात 
के मैं डर जाऊँगी  हो मैं मर जाऊँगी             -आनंद बक्शी 

(जिसने प्यार किया ही नहीं,

वो क्या समझे प्यार )-२ 
प्यार बिना यह जीवन जीना,
बिल्कुल है बेकार 
नैनो से नैन मिले ऐसे, मस्ती सी छायी है जैसे
प्यार का नशा -२ कुछ ऐसा चढ़ा 
के मैं तर जाऊँगी                                   -प्रेम फ़र्रुखाबादी 
                                                                               
हो मैं मर जाऊँगी

स्वरचित अन्तरा - फिल्म -काली चरण



स्वरचित अन्तरा  - फिल्म -काली चरण 

जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी 
दिल देकर मैं कर बैठी, दिल के दुश्मन से यारी 
तुझको बाहों में भरके, मरी गयी मैं तुझपे मरके 
पत्थर की पूजा करके, हारी मैं हारी 
जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी

हम तुम दोनों मिल जाते तो,मिलती ख़ुशियां सारी
होते पूरे सपने हमारे,मैं हो गयी तेरी दीवानी
होता तू भी दीवाना,दिल मेरा तुझको पुकारे 
तू न माना साजन,दे दी मुझको घुटन
हो, कर ले यकीं मैं खाऊं कसम तुम्हारी।   -स्वरचित अन्तरा-  प्रेम  फ़र्रुखाबादी 

जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी 
दिल देकर मैं कर बैठी, दिल के दुश्मन से यारी 
तुझको बाहों में भरके, मरी गयी मैं तुझपे मरके
पत्थर की पूजा करके, हारी मैं हारी 
जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी       - वर्मा मालिक 


स्वरचित अंतरा -मैं तेरे इश्क़ में मर न जाऊँ कहीं



फिल्म - लोफर 
 आ
( मैं तेरे इश्क़ में मर न जाऊँ कहीं
तू मुझे आज़माने की कोशिश न कर ) -२
ख़ूबसूरत है तू तो हूँ मैं भी हसीं
मुझसे नज़रें चुराने की कोशिश न कर
मैं तेरे इश्क़ में

शौक़ से तू मेरा इम्तहान ले -२ 
तेरे कदमों पे रख दी है जान ले
बेकदर बेकबर मान जा ज़िद ना कर 

तोड़ कर दिल मेरा ऐ मेरे हमनशीं
इस तरह मुस्कुराने की कोशिश ना कर
ख़ूबसूरत है तू तो हूँ मैं भी हसीं
मुझसे नज़रें चुराने की कोशिश न कर
मैं तेरे इश्क़ में                                       -आनंद बक्शी 


तेरी चाहत में पागल मैं हो गयी -२  
हंसीं ख्वाबों  में तेरे  मैं खो गयी 
आ ज़रा पास आ दूर मुझसे न जा 
मैं   तेरी  हुई   हूँ  जी  जान  से 
तू मुझे अब सताने की कोशिश न कर   (स्वरचित अंतरा - प्रेम फ़र्रुखाबादी )

ख़ूबसूरत है तू तो हूँ मैं भी हसीं              -आनंद बक्शी
मुझसे नज़रें चुराने की कोशिश न कर
मैं तेरे इश्क़ में

स्वरचित अन्तरा, मतलब निकल गया है तो, पहचानते नहीं



मतलब निकल गया है तो, पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें, जानते नहीं


अपनी गरज़ थी जब तो लिपटना क़बूल था
बाहों के दायरे में सिमटना क़बूल था
अब हम मना रहे हैं मगर मानते नहीं।    - साहिर 


तेरे  सिवा न  कोई है  मेरा  जहान में 
आती है तुझे देख के, जां मेरी जान में
हर  किसी  को पाएं,  हम ठानते  नहीं।  - प्रेम फ़र्रुखाबादी 

मतलब निकल गया है तो, पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें, जानते नहीं       - साहिर 

स्वरचित अन्तरा फिल्म - नाटक


फिल्म - नाटक  
जिंदगी         एक       नाटक     है  

हम    नाटक   में   काम   करते  हैं  
पर्दा   उठते    ही,  पर्दा   गिरते  ही
अपने  नाम  बाद   नाम   करते हैं 
हम    नाटक   में   काम   करते  हैं  

खेल में  कभी  बजती  हैं तालियां 
और  कभी  लोग  देते  हैं गलियां 
भले    बनते   ही,   बुरे  बनते  ही 
अपने   नाम   बदनाम   करते  हैं     -आनंद बक्शी
                   
कभी  कभी  हम  ख़ुशी  को मनाते
और   कभी   हम   दुखी   हो  जाते 
क्या   कहें   कैसा,  ये   जहाँ   ऐसा
कभी    दाम  बिन    दाम   करते हैँ    - प्रेम फ़र्रुखाबादी

हम    नाटक   में   काम   करते  हैं 
जिंदगी         एक       नाटक     है  
हम    नाटक   में   काम   करते  हैं  
पर्दा   उठते    ही,  पर्दा   गिरते  ही
अपने   नाम     बदनाम   करते  हैं     -आनंद बक्शी 


स्वरचित अन्तरा- फिल्म शालीमार



हम    बेवफा   हरगिज   न  थे ,पर   हम   वफ़ा   कर   न  सके.   - आनंद बख्शी


हमने  भी चाहा,तुमने भी चाहा,पर   एक  अपनी   चाह  न  थी
हम भी चले थे, तुम भी चले थे,पर   एक   अपनी   राह  न  थी
दिल से  दीवाने  हो के  भी  हम,दिल  में   जगह   कर   न  सके ।  - प्रेम फ़र्रुखाबादी 

हम    बेवफा   हरगिज   न  थे,पर   हम   वफ़ा   कर   न  सके.   - आनंद बख्शी

स्वरचित अन्तरा मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा



मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा , मैं  नागन तू  सपेरा 
जनम जनम का तेरा मेरा बैर, ओ रब्बा खैर,
मैं  नागन  तू  सपेरा                                                            -  आनंद बक्शी 

आज तो  बदला  मैं बस लूंगी,छेड़ न   मुझको  मैं डस  लूंगी 
जंतर     जंतर    जादू    टोने, ये   तो   मेरे   खेल   खिलौने 
मुझ पर  चलेगा  न जोर तेरा, मैं       नागन      तू      सपेरा  
मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा,मैं       नागन      तू     सपेरा   

इस घर से  क्या मेरा रिश्ता ,तू क्या जाने क्या है किस्सा 
इस  घर  में   है  मेरा  साथी ,साथी   है   वो  जीवन  साथी
जा, चला  जा, ना  डाल  डेरा  मैं       नागन      तू      सपेरा     -  प्रेम फ़र्रुखाबादी 
मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा,मैं       नागन      तू     सपेरा   

हम तुम दोनों ही अब दूर न रह पाएं



हम   तुम  दोनों  ही   अब   दूर   न   रह   पाएं 

दूरी   को   देर   तलक  मजबूर   न  सह  पाएं 
तुमने   ये   मान   लिया   हमने   ये   मानी है  ( स्वरचित -प्रेम फ़र्रुखाबादी ) 
जिंदगी और कुछ भी नहीं  तेरी मेरी कहानी है.  - संतोषानंद


स्वरचित फ़िल्मी अन्तरा 

हम   ने    तुम्हें    देखा   है 
तुम   ने    हमें      देखा   है 
कौन      कहे      किस    से 
दिल   किस   ने    फेका  है 
जिसने     भी      फेका    है 
शुरुआत       सुहानी       है     -प्रेम फ़र्रुखाबादी     

                      

जिंदगी और कुछ  भी नहीं 
तेरी      मेरी     कहानी   है 
एक  प्यार   का  नगमा  है 
मौजों      की    रवानी    है      - संतोषानंद 


स्वरचित अन्तरा पान खाय सैयां हमारो



पान खाय  सैयां हमारो  
सांवली सुरतिया होठ लाल लाल 
पान खाय  सैयां हमारो  

दूर- दूर वो रहता मुझ से
चाहूँ फिर भी मस्ती छने न
कहते बने न हालत मन की
किसी तरह मेरी बात बने न
बात बने न

पान खाय  सैयां हमारो  
सांवली सुरतिया होठ लाल लाल 
पान खाय  सैयां हमारो  
                      -प्रेम फ़र्रुखाबादी 

Monday, May 25, 2015

स्वरचित अन्तरा - फिल्म -काली चरण


स्वरचित अन्तरा  - फिल्म -काली चरण 

जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी 
दिल देकर मैं कर बैठी, दिल के दुश्मन से यारी 
तुझको बाहों में भरके, मरी गयी मैं तुझपे मरके 
पत्थर की पूजा करके, हारी मैं हारी 
जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी

हम तुम दोनों मिल जाते तो 
मिलती ख़ुशियां सारी
होते पूरे सपने हमारे
मैं हो गयी तेरी दीवानी
होता तू भी दीवाना 
दिल मेरा तुझको पुकारे 
तू न माना साजन
दे दी मुझको घुटन
हो, कर ले यकीं मैं खाऊं कसम तुम्हारी।   -स्वरचित अन्तरा-  प्रेम  फ़र्रुखाबादी 


जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी 
दिल देकर मैं कर बैठी, दिल के दुश्मन से यारी 
तुझको बाहों में भरके, मरी गयी मैं तुझपे मरके
पत्थर की पूजा करके, हारी मैं हारी 
जा रे जा ओ हरजाई, देखी तेरी दिलदारी  - वर्मा मालिक 

Wednesday, March 25, 2015

Good News!
मोदी युग
यानी
विकास युग
२६ मई २०१४  से प्रारम्भ...

Modi Era
Means
Development Era
Begins  from 26 may 2014...

किन्तु परन्तु कैसा

किन्तु परन्तु कैसा
मुँह  में ठूंसौ पैसा
तब चलता शासन भैंसा
फिर काम कराओ जैसा
            प्रेम फ़र्रुखाबादी

swarachit antra हमने भी चाहा,तुमने भी चाहा

हमने  भी चाहा,तुमने भी चाहा
पर एक अपनी चाह न थी
हम भी चले थे, तुम भी चले थे
पर एक अपनी राह न थी
दिल से दीवाने हो के भी हम
दिल में जगह कर न सके ।

स्वरचित - प्रेम फ़र्रुखाबादी

Saturday, October 25, 2014

स्वरचित अंतरा फिल्म- नगीना मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा


मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा 
मैं       नागन      तू    सपेरा 
जनम जनम का तेरा मेरा बैर, ओ रब्बा खैर 
मैं       नागन      तू   सपेरा

आज तो  बदला  मैं बस लूंगी 

छेड़ न   मुझको  मैं डस  लूंगी 
जंतर     जंतर    जादू    टोने  
ये   तो   मेरे   खेल   खिलौने 
मुझ पर  चलेगा  न जोर तेरा
मैं       नागन      तू      सपेरा   -   आनंद बक्शी 

इस घर से  क्या मेरा रिश्ता 
तू क्या जाने क्या है किस्सा 
इस  घर  में   है  मेरा  साथी  
साथी   है   वो  जीवन  साथी
जा, चला  जा, ना  डाल  डेरा     -  प्रेम फ़र्रुखाबादी 

मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा
मैं       नागन      तू      सपेरा 


हमने  भी चाहा,तुमने भी चाहा
पर एक अपनी चाह न थी
हम भी चले थे, तुम भी चले थे
पर एक अपनी राह न थी
दिल से दीवाने हो के भी हम
दिल में जगह कर न सके ।    स्वरचित - प्रेम फ़र्रुखाबादी


 फिल्म- बैराग। 

छोटी सी उमर में लग गया रोग
कहते हैं लोग मैं मर जाउँगी
हो मैं मर जाउँगी ) -२

पर मरने से पहले, कुछ करने से पहले
ले के तेरा नाम
तुझे बदनाम
मैं कर जाऊँगी हो मैं मर जाऊँगी

हो
हो
( येहे किसी सहरी छोरी की
प्रीत नहीं है बाबू ) -२
एक बन्जारन केह मतवारे
नैनोंओह का है जादू
तू न जा मेरी मुसकान पे
खेल जाऊँगी मैं जी-जान पे
छोड़ूँगी ना साथ -२
ऐसी क्या है बात
के मैं डर जाऊँगी

हो मैं मर जाऊँगी

तेरे घर जाऊँगी
हो मैं मर जाऊँगी 
हो मैं मर जाऊँगी       गीतकार   आनंद बक्शी
हो 
हो 
( जिसने प्यार किया ही नहीं
वो क्या समझे प्यार )-२ 
प्यार बिना ये जीवन जीना 
सचमुच  है बेकार
नैनों से नैन मिले ऐसे  
दिल में फूल खिले जैसे 
प्यार का नशा -२ 
कुछ ऐसा चढ़ा 
मैं तर जाऊँगी           स्वरचित अंतरा -प्रेम फ़र्रुखाबादी

Wednesday, February 19, 2014

वो बात मेरे दिल कि मानते तो बात थी


वो बात मेरे दिल कि मानते  तो बात थी 
क्या गुजर रही है ये जानते  तो बात थी. 

गुजर जाती जिंदगी अपनी बड़े प्यार से 
प्यार अपना दिल से छानते तो बात थी.

कुछ कहते सुनते हम बैठते कहीं अकेले
तम्बू  प्यार का दोनों तानते तो बात थी.

कभी हम ने गौर ही नहीं किया  दिलवर 
गर एक दूजे को पहिचानते तो बात थी.

एक दूजे को पाके हम सफल जरूर होते 
दोनों अपने दिलों में ठानते  तो बात थी.